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Big News सहारा इंडिया परिवार के विरुद्ध एकमात्र आरोप यह है कि सम्मानित निवेशकों को हमारे द्वारा भुगतान में विलम्ब हो रहा है। निश्चित रूप

 

                         क्या यह हमारा दोष है?

सहारा इंडिया परिवार के विरुद्ध एकमात्र आरोप यह है कि सम्मानित

निवेशकों को हमारे द्वारा भुगतान में विलम्ब हो रहा है। निश्चित रूप

से हम विलम्बित अवधि के व्याज का भुगतान भी कर रहे हैं।

कारण कोई भी नहीं लिख रहा है

                                       कारण यह है कि-

माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पिछले 8 वर्षों से लगाये गये प्रतिबन्धों

के कारण पूरे समूह (कोऑपरेटिव सहित) की परिसम्पत्तियों को बेचकर,

गिरवी रखकर या संयुक्त उद्यम से कोई भी धन जुटाया जाता है तो

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार यह सारा धन सहारा-सेबी

खाते में जमा किया जाएगा। हम इसमें से एक रुपये का भी उपयोग

संस्थागत कार्य के लिए नहीं कर सकते, यहाँ तक कि सम्मानित निवेशकों

के पुनर्भुगतान के लिए भी नहीं।

दूसरी ओर, अब तक, लगभग 122,500 करोड़ मय ब्याज के (जो निश्चित

रूप से माननीय न्यायालय के आदेशानुसार हमको वापस मिलेंगे)

सहारा-सेबी खाते में जमा किए गए हैं, जबकि पिछले 8 वर्षों में देशभर के

154 समाचार पत्रों में चार बार विज्ञापन देने के बावजूद भी सेबी द्वारा

सम्मानित निवेशकों को केवल ₹106.10 करोड़ का ही भुगतान किया गया

है (यानी केवल 0.5% ही भुगतान हुआ है) और अब कोई दावेदार नहीं है।

अब तो सहारा को सहारा -सेबी खाते में और रुपये जमा करने की जरूरत

नहीं होनी चाहिए। अब हमारे ऊपर से प्रतिबंध (एम्बार्गो) हटना चाहिए एवं

सत्यापन (वेरिफिकेशन) का आदेश हो जाना चाहिए, मगर यह सारा

निर्णय माननीय उच्चतम न्यायालय लेगा। दूसरी ओर कोविड-19 की

वजह से पिछले 10 महीनों से हमें माननीय उच्चतम न्यायालय से तारीख

नहीं मिल सकी।

आशा करते हैं कि शीघ्र तारीख मिलेगी और सब कुछ अच्छा होगा।

धन के कई स्रोतों पर हम कार्य कर रहे हैं। सबका पैसा पूर्णतः सुरक्षित है।

आपको विलम्बित अवधि का व्याज मिल रहा है।

कृपया थोड़ा धैर्य रखें, हम सभी 31 मार्च 2021 तक विजेता होंगे।

                                          सहारा  इंडिया परिवार

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